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Haryana: हरियाणा के इस जिले में चलेगा प्रशासन का पीला पंजा, हाईकोर्ट ने दिए आदेश

Haryana News: हरियाणा के गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 1 से 5 में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने अधिकारियों को नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

हाई कोर्ट ने यह कहा कि डीएलएफ में कई मकान बिल्डिंग बाईलाज़ तोड़कर बनाए गए हैं, जो ज़ोनिंग प्लान 2016-2017 और हरियाणा बिल्डिंग कोड का उल्लंघन करते हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर इन अवैध निर्माणों को नहीं रोका गया तो गुरुग्राम का ढांचा बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है, जिससे पानी, सीवेज, हवा की गुणवत्ता, परिवहन, बिजली जैसी बुनियादी सेवाएं ठप हो सकती हैं।

हाई कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराज़गी जताई। कोर्ट ने कहा कि भू-माफिया और कुछ ताकतवर लोग मिलकर अवैध निर्माण कर रहे हैं, और प्रशासन इनकी मदद कर रहा है। ऐसे निर्माण उनके नाक के नीचे तेज़ी से हो रहे हैं।

कोर्ट ने इस संदर्भ में स्थानीय अदालतों में दायर दीवानी मुकदमों को बंद करने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने इन मामलों में वैधानिक क्षेत्राधिकार की बाधा को देखते हुए, अदालतों को निर्देश दिया कि वे इन मुकदमों पर दो महीने के भीतर निर्णय लें और तय करें कि ये मामले सुनवाई योग्य हैं या नहीं।

इसके साथ ही, हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण हटाने और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दो महीने की समय सीमा तय की है। अधिकारियों को 19 अप्रैल 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होगी।

यह आदेश डीएलएफ सिटी रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर दिया गया, जिसमें डीएलएफ फेज 1 से 5 में अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया गया था। याचिकाकर्ताओं ने जनसंख्या और घनत्व मानदंडों, लेआउट प्लान, बिल्डिंग प्लान की मंजूरी, और बाईलाज़ के उल्लंघन पर भी प्रकाश डाला था।

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